झारखण्ड की राजधानी राँची के आसपास कई सुन्दर झरने (वॉटरफॉल) और डैम (बाँध) हैं जहाँ रविवार, छुट्टी के दिन और त्यौहार विशेष पर टूरिस्ट की भीड़ लगी रहती है। जाड़े के मौसम में यह भीड़ और भी ज्यादा होती है। इन स्थानों के अतिरिक्त कुछ और भी स्थान हैं जो बड़े मनोहर हैं और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जा सकते हैं। ऐसे ही कम प्रसिद्ध स्थानों में से एक स्थान है गंधोनिया मंदिर जिसके आसपास कई गर्म जल के कुण्ड हैं।
हज़ारीबाग़ के काँकी में गंधोनियाँ मन्दिर फोटो : रवि कुमार |
राजगीर के गर्म जल के कुंड बहुत प्रसिद्ध हैं किन्तु वहाँ भी मात्र एक ही कुण्ड है जबकि गंधोनिया में कई गर्म जल के कुंड हैं। ये सभी कुण्ड मन्दिर के पीछे एक पहाड़ी नाले के किनारे किनारे हैं। स्थानीय पंचायत द्वारा इन कुण्डों का पक्कीकरण कराया गया है। कुंडों की गहराई दो से तीन फ़ीट है। कुछ कुण्ड का जल इतना गर्म है कि इसमें रखने पर चावल भी पक सकते हैं।
गंधोनियाँ में तिकोना गर्म जल-कुण्ड, काँकी, हज़ारीबाग़ |
हज़ारीबाग़ के काँकी में गंधोनिया एक गाँव है जहाँ छोटा सा शिव मंदिर है। इसे गंधोनिया मंदिर के नाम से जाना जाता है। हाल में ही इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। मंदिर के पीछे ही एक पहाड़ी नाला बहता है जिसमें स्वच्छ और साफ़ पानी कल कल बहता रहता है। गाँव के लोगों की पानी की दैनिक आवश्यकताएँ इसी पहाड़ी नाले से पूरी होती हैं। इस नाले और मंदिर के बीच नाले के किनारे किनारे 50 - 100 फ़ीट के अन्तराल पर गर्म जल के कुण्ड हैं। इन कुंडों में जमीन के नीचे से गर्म जल को निकलते हुए देखा जा सकता है।
गंधोनियाँ में सबसे बड़ा गर्म-जलकुंड, काँकी, हज़ारीबाग़ |
कई दिनों से इस स्थान के गर्म जल कुंडों और गंधोनिया मंदिर के बारे में अखबार में आर्टिकल्स आ रहे थे और मन में जगह को देखने की उत्सुकता हो रही थी। मकर संक्रांति से दो दिन पहले कुछ समय था तो गूगल मैप और अपनी छोटी कार की सहायता से हमलोग भुरकुंडा से काँकी की ओर निकले। आधे घंटे लगे। मंदिर से आधा किलोमीटर पहले का रास्ता बिल्कुल कच्चा है। एकबार तो ऐसा लगा कि हमलोग आगे बढ़ नहीं पायेंगे पर किसी तरह मंदिर तक पहुँचे। वहाँ पहुँच कर ऐसा लगा जैसे हमलोग एक साधारण छोटे मंदिर तक पहुंचे हैं। गाड़ी के पास कई छोटे बच्चे खेलने लगे। हमलोग बहार से शिवलिंग के दर्शन कर चारों तरफ देखने लगे। मंदिर के एक तरफ प्राथमिक विद्यालय है। एक बच्चे से पूछा कि गर्म पानी का कुंड इधर है क्या ? उसने बताया नदी के पास है। हमें देख कर एक प्रौढ़ महिला आई और बताया कि नदी के किनारे दसियों कुण्ड हैं। हमें उन कुंडों को देखने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
पहाड़ी नाले में रमणीक दृश्य, गंधोनियाँ मंदिर,काँकी, हज़ारीबाग़ |
हमलोगों को चार कुण्ड दिखे। मंदिर के ठीक पीछे जो कुंड है वह बिना प्लास्टर के ईंट के दीवार से घेरा हुआ है, छोटा है। पर पानी साफ़ है और इसके तलहट्टी के मिट्टी में गर्म पानी के उबलते हुए बिंदु देखे जा सकते हैं। इसके अलावा एक तिकोना और अन्य बड़े कुएँ जैसा कुण्ड सामान्य जनों के स्नान के लिए है जबकि चौथा कुंड महिलाओं के लिए है जिसमें थोड़ा घेरा बना है जिससे उन्हें कपडे बदलने में सुविधा हो। पहाड़ी नाला और आसपास का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही रमणीक है। हमलोगों ने कुछ फोटो और वीडियो लिए और वापस जाने के लिए कार के पास आये।
हमें जाते देख वही प्रौढ़ महिला पास आयी और कहा कि लोग यहाँ मन्नत मांगने और कुण्ड में नहाने आते हैं। कुंड का जल लोग पीने और नहाने के लिए घर भी ले जाते हैं। कुण्डों के शुरुआत के पीछे एक लोक कथा भी है।महिला ने हमें भी कुंड का जल ले जाने के लिए सुझाव दिया। हमलोग पहले तो झिझके और कहा दो दिन बाद संक्रान्त के दिन आएँगे तो ले जायेंगे। उसने कहा संक्रांत के दिन तो यहाँ इतनी भीड़ होती है कि कहीं साफ़ पानी मिलना मुश्किल होगा। तो हमने एक पानी का बोतल उसे दिया कि आप ही ला दें। उस मंदिर की पुजारिन भी ये महिला ही थी। पानी के बदले उसे कुछ दक्षिणा देकर हमलोग वापस निकल गए।
पानी गर्म था और उसका स्वाद गंधक से भरपूर था। प्रायः भूमि से निकलने वाले गर्म जल में गंधक होता है जिससे इसमें नहाने से चर्मरोग दूर होता है। यहाँ भी गर्म कुंड में नहाने से चर्मरोग दूर होने के विश्वास के पीछे यही वैज्ञानिक कारण हो सकता है।
इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप विकसित करने की आवश्यकता है। पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही स्थल का विकास करने पर पर्यटकों को सुविधाएँ भी मिलेंगी।
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33. Rajrappa Waterfalls, Ramgarh, Jharkhand
32. Khutta Baba Mandir and the Tenughat Dam
31. Maya Tungri Mandir - The Mahamaya Temple, Ramgarh, Jharkhand
30. Toti Jharna, Tuti Jharna Temple at Ramgarh, Jharkhand
29. ISKCON Temple and The Birla Temple at Kolkata
28. Belur Math, Howrah